प्राइम टाइम: रेलवे भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों की मुसीबत

ऑनलाइन का मतलब यही होता है कि आप अपने कंप्यूटर या फोन पर इंटरनेट के ज़रिए आचार-व्यवहार कर सकें. बिना घर से निकले सामान की खरीदारी कर सकें, बैंक का काम कर सकें और फॉर्म भर दें. भारत में बाज़ार में ऑनलाइन का कुछ और मतलब है और इम्तेहान लेने वाली संस्थाओं के लिए ऑनलाइन का मतलब कुछ और है. ऑनलाइन परीक्षा के केंद्र होते हैं जहां पहुंचने के लिए चल कर जाना होता है. परीक्षा केंद्रों को ऑनलाइन तब भी कहा जाता है जब इन केंद्रों तक पहुंचने के लिए छात्रों को 1500 से 2000 किमी का सफर करना होता है. एक तरह से यह ऑनलाइन और ऑफलाइन का मिक्सचर हुआ. दालमोंठ परीक्षा प्रणाली. आपको पता है कि रेलवे की अस्सिटेंट लोको पायलट और टेक्निशियन की परीक्षा 9 अगस्त से होने वाली है, जिसमें 47 लाख 56 हज़ार परीक्षार्थी हिस्सा लेने वाले हैं. शुक्रवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने हमसे संपर्क किया कि उनका सेंटर 1500 किमी दूर दिया गया है और वे 2000 रुपये खर्च करने की क्षमता नहीं रखते हैं. आप अगर रेल मंत्री और रेल मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर जाकर देखेंगे तो ऐसी शिकायतों की बाढ़ आई हुई है. जिसमें छात्र रेल मंत्री से गिड़गिड़ा रहे हैं कि उनका सेंटर दूर नहीं रखा जाए वरना इम्तहान छूट जाएगा.

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