अनलॉक एजुकेशन : छात्रा चारुल लालवानी ने शेयर किया अपना अनुभव

27 साल की इंजीनियरिंग ग्रेजुएट चारु लालवानी अब राहत की सांस ले रही हैं. डब्लिन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में अपने दाखिले से वो काफी खुश थीं. टीसीएस में काम करने के बाद वो बिजनेस एनालिटिक्स में पढ़ाई करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय तजुर्बा भी हासिल करना चाहती थीं. चारुल जैसे छात्रों के लिए विदेशों में पढ़ाई करना आसान नहीं है. उनके पिता एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं और मां घर संभालती हैं. उन्होंने चारुल की पढ़ाई की फीस यात्रा और ठहरने का इंतजाम कर लिया था. लेकिन इस ऐलान ने सारे किये कराए पर पानी फेर दिया, कि दो हफ्ते तक अनिवार्य क्वारंटाइन होना होगा, और उसका खर्चा उनकी पहुंच से बाहर था.

from Videos https://ift.tt/2W3qWWU

Comments

Popular posts from this blog

Mithali Raj Becomes First Indian Woman Cricketer To Score 10,000 International Runs