खत्‍म होने के कगार पर था धोनी का करियर…दादा की 1 कुर्बानी से मिली संजीवनी, फिर जो हुआ वो बन गया इतिहास

साल 2004 में सबसे पहले सौरव गांगुली ने ही महेंद्र सिंह धोनी के टैलेंट को पहचानते हुए उन्‍हें टीम इंडिया में मौका दिया था. एक इंटरव्‍यू के दौरान दादा यह कह भी चुके हैं कि अगर साल 2003 के विश्‍व कप में भारत के पास धोनी जैसा बैटर होता तो निश्चित तौर पर हम विश्‍व कप अपने नाम करते.

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